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एक हमारा देश (बाल कविता संग्रहः गिरीश पंकज)

Tuesday, March 13, 2007

मेरी किताबें


कविः एक परिचय

कविता-क्रम

मां सरस्वती

मत समझो बच्ची

घड़ा

मीठा रगड़म

चिड़िया

मैना-मिट्ठू

हाथी दादा

चल बस्ते

लोरी अम्मा !

नानी जी

छतरी : दो शिशु गीत

जंगल में दीवाली

हम बच्चे

अच्छी-अच्छी बातें सुन

पानी गिरता

बादलजी देते हैं पानी

वर्षा-रानी

स्कूल

पेड़

नाम कमाऊँगी

होता नाम

कोयल मीठा गाती है

गरमी जी

पिंजरे का पक्षी

एक हमारा देश
Posted by जयप्रकाश मानस at 2:33 AM No comments:
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गिरीश पंकज का होना

गिरीश पंकज का मतलब एक बहुआयामी रचनाकार है । वे एक साथ व्यंग्यकार, उपन्यासकार, ग़ज़लकार एवं प्रख्यात पत्रकार हैं । सद्भावना दर्पण नामक वैश्विक स्तर पर चर्चित अनुवाद पत्रिका के संपादक हैं । देश एवं विदेश में सम्मानित । युवाओं के प्रेरणास्त्रोत । सद्भावना, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सद्भाव के लिए संपूर्ण राज्य में एक विशिष्ट स्थान रखने वाले गिरीश पंकज को पढ़ना अपने आप में एक विशिष्ट अनुभव से गुजरना है । - सृजन-सम्मान

कवि की छवि

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